मैं और मेरा self doubt

Self-doubt एक ऐसी feeling है जो कभी न कभी हम सबको घेर लेती है। मैं भी इससे अक्सर गुज़र चुका हूँ। आज का दिन भी मैंने इसी के साथ बिता दिया। जब आप content create करते हैं, तो मन में irrelevant या repetitive होने का डर बार-बार उभरता है।

 

आज जब मैंने अपने Instagram analytics चेक किए, तो देखा कि मेरे followers और views पहले जितनी तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं। ये बात मुझे काफ़ी दिनों से परेशान कर रही थी, लेकिन हर बार मैंने इसे ignore ही किया। आज नहीं कर पा

या। जब आप एकांत में होते हैं, तो ऐसे सवाल या ख्याल आना स्वाभाविक है।

 

मुझे videos बनाना अब repetitive लगने लगा है। जब आप बिना किसी expectations के कुछ करते हैं, तो उस काम को enjoy करने की probability ज़्यादा होती है। पर अब videos consistently बनानी पड़ती हैं, तो मैं सोचने लगता हूँ कि कितने views आएंगे, ये video viral होगा या नहीं। ये सोच creativity को मार देती है और दिन बर्बाद कर देती है।

 

जैसे negative thoughts का आना स्वाभाविक है, वैसे ही positive ख्याल का आना भी।

 

काफ़ी सोचने पर मुझे लगता है कि अब मुझे अपने लिए एक खूबसूरत घर बनाने की ज़रूरत है। एक ऐसी जगह जहाँ मेरे पसंदीदा गाने हों और visuals मेरे imagination को match कर सकें। एक ऐसा space जो सिर्फ़ मेरा हो, जहाँ मैं बिना किसी डर या expectations के अपने ideas को जी सकूँ।

 

अगर आप किसी self-doubt से जूझ रहे हैं तो comments में ज़रूर share करें।

 

 

1 thought on “मैं और मेरा self doubt”

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